What is Ayurveda?
नमस्ते दोस्तो , आपका हमारे Blog में स्वागत है हम आपके लिए इस Blog के माध्यम से हर रोज एक नई नई जानकारी Provide करते है और आज भी हम आपके लिए इस लेख में एक नई जानकारी लेकर आए है। आज हम आपके लिए इस लेख में आयुर्वेद क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे होता है? और What is Ayurveda के बारे में बताने वाले है। तो आपको इस लेख को पूरा पढ़ना है और इसे अपने दोस्तो के साथ में शेयर भी करना है।
आयुर्वेद क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे होता है? (What is Ayurveda and how is it used?)
दोस्तो आयुर्वेद को भारत में स्वास्थ्य की प्रणाली कहा जाता है। हमारे देख में आदि काल से ही आयुर्वेद का इस्तेमाल किया जा रहा है और आज भी हम अपने जीवन के बहुत से कामों में आयुर्वेद का यूज करते है। आयुर्वेद को हम लगभग 3,000 साल पहले से इस्तेमाल करते आये हैं और आगे भी हम इसका उपयोग करते रहेंगै।
हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले आयुर्वेद का इस्तेमाल भारत में ही किया जाता था फिर ये धीरे-धीरे उपचार के रूप में काम में लिया जाने लगा। आयुर्वेद का मतलब होता है बहुत सी जड़ी बूटियों का सहयोग जो किसी रोग से लड़ने में सहायता करता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है।
हम आयुर्वेद में किसी एक चीज मानकर नही चल सकते आयुर्वेद बहुत से प्रकार के होते है और हर एक का अपना अपना एक अलग अलग काम होता है। हम आपको इन सभी जानकारी को लिखने वाले है। इससे पहले हम आयुर्वेद क्या है? के बारे में जानते है।
आयुर्वेद क्या है ? (What is Ayurveda)
आयुर्वेद का अर्थ जीवन का विज्ञान है। जिसे स्वास्थ्य के साथ में जोड़ा गया है। इसे स्वास्थ्य का सबसे प्राचीन उपचार प्रणाली माना जाता है। अगर हम साधारण भाषा में बताए तो आयुर्वेद को पुराने समय की दवाईयां कहा जाता है जिसे बहुत से रोगों में लड़ने की क्षमता होती है।
आयुर्वेद विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने और उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।
आयुर्वेद को पुराने समय से ही आज भी इसे दवाई के रूप में उपयोग किया जाता हैं आज इससे बहुत से रोगों से लड़ने की ताकत होती है। जिस कारण इसे दुनिया की सबसे पुरानी प्रणाली भी कहा जाता है। इससे केवल बीमारी को ठीक करना ही नहीं बल्कि एक स्वस्थ शरीर बनाए रखने के लिए भी इसका यूज किया जाता है।
आयुर्वेद को हम जड़ी बूटियों से भी तुलना कर सकते है। हम जो जो हम घरेलू चीजे जैसे हल्दी , अदरक, लहसुन, मैथी, दाल, चंदन, तुलसी आदि को भी हम आयुर्वेद कह सकते है। क्योंकि इनमें भी कुछ छोटे छोटे रोगी को ठीक करने में क्षमता होती है। और पहले इन्हीं चीजों से रोगी को ठीक किया जाता था।
आयुर्वेद का इतिहास (history of Ayurveda)
तो चलिए दोस्तो अब हम आपको आयुर्वेद का इतिहास के बारे में जानकारी देते है जो की हमारे लिए बहुत जरूरी है।
हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की आयुर्वेद की खोज भारत में ही हुई है यह खोज कम से कम 3000 साल पुरानी है। आयुर्वेद का जिक्र हजारों साल पुराने वेदों में भी किया गया है। क्या आप जानते है की हम अपने जीवन में लगभग 94 % आयुर्वेद का उपयोग करते है।
पुराने समय में आयुर्वेद का उपयोग केवल रोगी को ठीक करने में नही बल्कि अपने शरीर को स्वस्थ और ताकतवर बनाने के लिए भी किया जाता था। पहले के टाइम में डाक्टर और हॉस्पिटल नहीं होने पर भी रोगी को आयुर्वेद के द्वारा ठीक किया जाता था।
आयुर्वेद के 5 सिद्धांत क्या हैं? (What are the 5 principles of Ayurveda?)
क्या आपने आज आयुर्वेद के 5 सिद्धांत के बारे में सुना है अगर नहीं तो हम आपको आयुर्वेद के पांच सिद्धांत के बारे में बताने वाले हैं।
दोस्तों बड़े-बड़े वेदों के अनुसार आयुर्वेदिक के प्राचीन पांच सिद्धांत – जल, वायु ,आकाश, अग्नि, मिट्टी है।
इन पांच सिद्धांत के अनुसार ही मनुष्य इन्हीं पांचों चीजों से मिलकर बना है। और मृत्यु के समय भी इन्हीं 5 चीजो में इसका अंत हो जाता है।
आयुर्वेद का महत्व (Importance of Ayurveda)
दोस्तो हमने पहले आपको आयुर्वेद क्या है और इसका इतिहास क्या है ? के बारे में बताया है और अब हम आपको आयुर्वेद के महत्व के बारे में जानकारी देने वाले है जो की आपके लिए जानना बहुत जरूरी है। अगर आप आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करते है तो यह लेख आपके लिए बहुत अच्छा होने वाला है।
जैसे की मैने आपको बताया है की आयुर्वेद लगभग 4 हजार पुरानी प्रणाली है जिसका इस्तेमाल उपचार के रूप में किया जाता है। अगर हम इसका इस्तेमाल लगातार करते है तो यह हारे लिए काफी फायदेमंद हैं। और अगर हम इसके कुछ अन्य महत्व की बात करे तो –
- आयुर्वेद को पुराने समय से लगातार उपयोग में लिया जाता है।
- इससे बहुत से रोगों में लड़ने के लिए तैयार किया जाता
- आयुर्वेद से बहुत से घरेलू चीजों का भी निर्माण किया जाता है।
- विश्व में सबसे पहले आयुर्वेदिक दवा का आविष्कार भारत में ही किया गया था।
- आयुर्वेद खाने के प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं।
- आयुर्वेद के अगर हम सबसे बड़े महत्व की बात करे तो इसके बहुत से मेडिकल कामों में उपयोग किया जाता है।
- आयुर्वेद के इस्तेमाल से स्वास्थ्य और शरीर सक्रिय रूप से काम करते है।
- अगर हम आयुर्वेद का इस्तेमाल लगातार करते है तो हमारा शरीर जल्द ही रोग मुक्त हो जाता है।
- आयुर्वेद के जरिए बहुत सारे वेदों ने बड़े-बड़े रोगों को दूर किया है।
आयुर्वेदिक उपचार क्या है? (What is Ayurveda treatment?)
दोस्तों आपने आयुर्वेदिक उपचार के बारे में सुना ही होगा अगर आपने इसके बारे में नहीं सुना है तो हम आपको इसी पैराग्राफ में आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी देने वाले हैं।
किसी भी रोग का आयुर्वेदिक तरीके से उपचार करना है ही आयुर्वेदिक उपचार कहलाता है। जैसे कि अगर हम आयुर्वेदिक चीजों से किसी का होगा का उपचार करते हैं तो हम इसे आयुर्वेदिक उपचार कहते हैं। प्राचीन समय में जब कोई हॉस्पिटल या कोई डॉक्टर नहीं हुआ करता था तो वेद आयुर्वेदिक उपचार के तरीके से ही रोगी को ठीक करते थे।
- आयुर्वेद से हमे यह फायदा मिलता है कि हमें किस प्रकार का भोजन करना चाहिए और किस प्रकार की चीजें हमें ग्रहण करनी चाहिए के बारे में जानकारी मिलती है।
- आयुर्वेद चिकित्सा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर हम इसका सेवन करते हैं तो इससे हमारे शरीर को कोई हानि नहीं पहुंचती है।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा के चारों साल पुरानी है इसलिए हम इस पर विश्वास कर उपयोग कर सकते हैं।
- कौन सी बीमारियां ऐसी होती है जो सिर्फ आयुर्वेदिक चीजों से ही ठीक होती है।
- इस प्रकार से अगर हम मेडिकल की दवाइयों का उपयोग करते हैं और वह हमें साइड इफेक्ट देती है। लेकिन आयुर्वेदिक उपचार हमें किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं देगा।
- आयुर्वेदिक उपचार से हमारे शरीर में कोई अन्य रोग नहीं होगा।
आयुर्वेदिक उपचार कितने प्रकार के होते हैं? (types of ayurveda)
आयुर्वेदिक उपचार के दो प्रकार होते हैं जो आपको नीचे दिए गए हैं –
- उपचारात्मक उपचार
- निवारक उपचार
उपचारात्मक उपचार (curative treatment)
वह भी उपचार है जब किसी व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाती है तो उसके पश्चात उसे ठीक करने में इसका उपयोग किया जाता है।
अगर किसी मरीज को कोई दर्द निवारक हो जाता है तो हम आयुर्वेद के जरिए इसके दर्द को कम करने या दूर कर में इसका उपयोग करते है। या अगर हम किसी सर्जिकल या किसी हानिकारक अंग को हटाने के लिए भी पुराने समय में उपचार किया जाता था।
निवारक (preventive treatment)
यह वह उपचार है जो की रोग को काम करने के लिए किया जाता है। इससे रोग होने से पहले ही व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते है। यानी कि यह वह विचार है जिससे हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
प्राचीन समय में किए गए कुछ उपचार
दोस्तो प्राचीन समय में आयुर्वेद के जरिए बड़े बड़े उपचार किए गए थे जिनमे से कुछ निम्न है –
सुश्रुत के द्वारा किया गया उपचार
दोस्तो आप महऋषि सुश्रुत को जानते ही होंगे जिन्होंने सर्जिकल का आविष्कार किया था। जिससे कई बीमारियां ठीक हो सकती है। इन्होंने अपने उपचार को अपनी किताब सुश्रुत संहिता में रोग और उपचार के बारे में बताया था। उन्होंने छह विभिन्न श्रेणियों में 100 से अधिक विकसित चिकित्सीय औजार और विभिन्न शल्य क्रियाओं में इस्तेमाल होने वाले 20 प्रकार के धारदार सर्जिकल उपकरणों को विकसित किया।
इस किताब में उन्होंने कान, नाक और गले में होने वाली विभिन्न बीमारियों और उनकी चिकित्सा के बारे में भी विस्तार से वर्णन किया है। जिससे हम अंगो में होने वाले रोगी को खत्म कर सकते है।
भगंदर का उपचार
पुरानी सूजन के कारण गुदा और गुदा की बाहरी सतह के बीच एक असामान्य उद्घाटन को गुदा फिस्टुला कहा जाता है। इस बीमारी का इलाज करने का सबसे आम तरीका सर्जरी है। एनल फिस्टुला के इलाज के लिए आधुनिक Surgery कई उपकरणों और नई तकनीकों के आगमन के साथ और अधिक आधुनिक हो गई है, लेकिन इसका अंतिम परिणाम अभी भी बहुत संतोषजनक नहीं है, क्योंकि सर्जरी के बाद भी रोग फिर से उभर आता है।
इस बीमारी को दूर करने के लिए भगंदर ने उपचार किया था। जिससे यह बीमारी दूर हो।
आयुर्वेद से दवा कैसे बनाई जाती है ?
दोस्तों अब आप सोच रहे होंगे कि आयुर्वेद से दवाई कैसे बनाई जाती है हम आपको इसकी जानकारी भी लेने वाले हैं तो चलिए अब हम आयुर्वेद से दवाई मनाने की सारी प्रोसेस के बारे में जानते हैं।
दोस्तों आयुर्वेद से दवाई बनाने के लिए एक विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है एक ऐसा व्यक्ति जिसको आयुर्वेद के बारे में जानकारी हो और उससे ठीक होने वाले रोगों के बारे में जानकारी हो। ऐसा विशेषज्ञ ही आयुर्वेद का इस्तेमाल कर अच्छी दवा का निर्माण कर सकता है।
आयुर्वेद जड़ी बूटी के बारे में सबसे पहले जाना जाता है की उसमें किस रोग से लड़ने की क्षमता है, और फिर उसके 29 चिकित्सक प्रभाव के अनुसार दवाई तैयार की जाती है। फिर दवाई को गोली की दवाई या पाउडर के रूप में तैयार किया जाता है।
सबसे पहले एक जड़ी बूटी को तुम्हारा जाता है फिर उस पर एक बंदे ने किया जाता है उस जड़ी बूटी में है जाना जाता है कि उसमें कौन से रोग से लड़ने की क्षमता है फिर उस जड़ी-बूटी को उस रोग के साथ में रखवा कर उसका रिजल्ट देखा जाता है यह सब प्रोसेस लैब में बड़ी सावधानी से की जाती है उसके बाद जब रिजल्ट सफलतापूर्वक प्राप्त हो जाता है तभी उसे जड़ी बूटी को दवा के रूप में उपयोग लिया जाता है, कुछ जड़ी-बूटी ऐसी होती है जो रोग से तो लड़ देती है लेकिन वह शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती है ऐसी जड़ी बूटी से दवा नहीं मनाई जाती।
तो इसी प्रकार से आयुर्वेद से दवा Medicine का निर्माण किया जाता है ।
आयुर्वेद के फायदे (benefits of ayurveda)
दोस्तों आयुर्वेद के काफी सारे फायदे हैं जो हमारे बॉडी में लोगों को लड़ने की क्षमता प्रदान करता है-
- आयुर्वेद में काफी सारी लड़ने की क्षमता होती है जो की शरीर को तंदुरुस्त बनाने में सहायता करता है।
- आयुर्वेद दवाई बनाने में काफी ज्यादा सहायता करता है।
- आयुर्वेदिक दवाई रहने से हमारे शरीर में कोई भी Side Effect नहीं होता।
आयुर्वेद के नुकसान (Disadvantages of Ayurveda)
दोस्तों अगर आयुर्वेद के फायदे हैं तो आयुर्वेद के काफी सारे नुकसान भी हैं जो हमने आपको नीचे बताए हैं-
- अगर हम आयुर्वेदिक सब चीजों का उपयोग ज्यादा मात्रा में करते हैं तो यह हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक भी हो सकता है।
- अगर हमारा आयुर्वेदिक दवा का उपयोग छोटी बीमारी के लिए देते हैं तो यह हमारे लिए धीरे-धीरे आदत बन जाती है।
- बाजार में मिलने वाले कुछ आयुर्वेदिक समान नकली होते हैं जिसके सेवन से काफी रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
दोस्तों आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से आयुर्वेदिक क्या है और आयुर्वेद का इस्तेमाल कैसे किया जाता है के बारे में सारी जानकारी विस्तार पूर्वक दी है उम्मीद करता हूं आपको यह Article अच्छा लगा होगा।